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स्वास्थ्य प्रहरी

  • 【बुलटिन-21】श्वसन-तंत्र को स्वस्थ रखने और मजबूत बनाने के लिए शंखनाद जैसी लाभप्रद औषध और कोई नहीं

    18 MAY 2021 · शंख बजाना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभदायक है। शंख नाद का प्रतीक है। नाद जगत में आदि से अंत तक व्याप्त है। सृष्टि का आरम्भ भी नाद से होता है और विलय भी उसी में होता है। शंखनाद से आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है तथा सकारात्मक ऊर्जा का सृजन होता है जिससे आत्मबल में वृद्धि होती है। ब्रेन में भी ब्लड संचार तेज होता है। जिससे मानसिक विकार दूर होते हैं और मन को सुकून मिलता है। शंख से निकलने वाली ध्वनि जहाँ तक जाती है वहाँ तक बिमारियों के कीटाणुओं का नाश हो जाता है। प्रतिदिन शंख फूंकने वाले को गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते। शंख से मुख के तमाम रोगों का नाश होता है। शंख बजाने से चेहरे का व्यायाम होता है, जिससे चेहरे पर झुर्रियाँ नहीं पड़ती और मुहँ का लकवा नहीं लगता। शंख बजाने से श्वसन तंत्र, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों का व्यायाम होता है। शंख वादन से स्मरण शक्ति बढ़ती है। जब सूर्य की किरणें निस्तेज होती हैं अर्थात सुबह जल्दी या शाम के समय शंख बजाने का विधान है। इससे पूरक, कुम्भक और रेचक जैसी प्राणायाम तीनों क्रियायें एक साथ हो जाती हैं। दमा, कास, प्लीहा, यकृत और इंफलूएंजा नामक रोग में शंखनाद बहुत फायदेमंद है। जब हम शंख को दबाव लगाकर बजाते हैं तो इससे किडनी एवं जननांगों पर भी अनुकूल प्रभाव पडता है। शंख बजाने से गले में मौजूद मांसपेशियों का व्यायाम होता है, जिससे वोकल कार्ड और थाइरायड से जुडी समस्या, गले की खराश आदि गले के अन्य विकार दूर होते हैं। जिस किसी को गले संबंधी विकार जैसे अशुद्ध उच्चारण, तुतलाना और हकलाने आदि की समस्या हो उन्हें नित्य शंखवादन करना चाहिए।इसी तरह बार-बार श्वास भरकर छोडने से हमारे फेफडे स्वस्थ रहते हैं और हमारी छाती को भी मजबूत बनाता है। शंख बजाने का हमारे गुदा और प्रोस्टेट सिस्टम पर सीधा असर पडता है। नियमित शंख बजाने से गुदा की मांसपेशियां बहुत मजबूत होती है और पाइल्स से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही पुरुषों को प्रोस्टेट संबंधी बीमारियों से भी राहत मिलती है। इस प्रकार नियमित शंख बजाने वाला व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य तीनों का सुख-लाभ एक साथ प्राप्त कर सकता है।
    Played 2m 56s
  • 【बुलटिन-5】उषापान (सुबह उठकर बासी मुँह जलपान)

    4 APR 2020 · स्वस्थ्य दिनचर्या के अंतर्गत सुबह उठकर धरती माता से क्षमा याचना के बाद विधिपूर्वक शांत चित्त उकडू या कागासन में बैठ चूस-चूसकर मुख से जलपान करना चाहिए।
    Played 14m 45s
  • 【बुलटिन-3】प्रातःकाल आँख खुलते ही क्या करें?

    3 APR 2020 · भोर में जागने के बाद आँख खुलते ही सबसे पहले मंगल दर्शन करो। सुनिए गूढ़ बातें और हाँ चैनल सब्सक्राइब करना न भूलें।
    Played 9m 59s
  • 【बुलटिन-4】 प्रातः जागने के बाद क्या करें?

    3 APR 2020 · भोर में जागने के बाद धरती पर पैर रखने से पूर्व अपने नासिका स्वर को पहचानना और धरती माता से क्षमा प्रार्थना के बाद जमीन पर पैर रखना। लेकिन पैर नंगी जमीन पर न रखें। सुनिए जरूरी बातें और चैनल सब्सक्राइब करना न भूलें।
    Played 9m 22s
  • ओ मेरी प्यारी अम्मा अब मैं भी योग करूंगा

    31 MAR 2020 · जयप्रकाशानन्द जी द्वारा संगीत के माध्यम से बच्चों के लिए स्वस्थ दिनचर्या की बहुत ही सुंदर प्रस्तुति। आयुष्य मन्दिरम् ट्रस्ट की लिखित अनुमति से हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं।
    Played 4m 21s
  • 【बुलटिन-2】स्वस्थ्य रहने की रामबाण दवा- प्रातः जागरण

    29 MAR 2020 · स्वस्थ जीवन जीने की एक कला 'दिनचर्या' को अपनाकर हम अपने आप को दीर्घायु बना सकते हैं। इस एपीसोड में हम स्वस्थ दिनचर्या के अन्तर्गत 'प्रभात-जागरण का महत्व, उचित समय, प्रातः जल्दी जागने के फायदे और देर तक सोने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।
    Played 13m 7s
  • 【बुलेटिन-1】स्वस्थ रहने की रामबाण दवा

    28 MAR 2020 · इस बुलेटिन में हम जीवन जीने की कला का एक अंग 'दिनचर्या' के बारे में जानेंगे। स्वस्थ दिनचर्या को अपनाकर हम अपने आपको (शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य) स्वास्थ रख सकते हैं।
    Played 8m 11s

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